Children's Day India
FactHunt Admin |
Children's Day 2019: बाल दिवस (Children's Day) हर साल 14 नवंबर (14 November) को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती (Jawahar Lal Nehru Jayanti) को बाल दिवस (Children's Day) के रूप में मनाया जाता है. जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) को बच्चों से काफी प्रेम था और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे. नेहरू कहते थे कि बच्चे देश का भविष्य है इसलिए ये जरूरी है कि उन्हें प्यार दिया जाए और उनकी देखभाल की जाए जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें. बाल दिवस के दिन बच्चों को गिफ्ट्स दिए जाते हैं. स्कूलों में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, साथ ही बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं. स्कूलों में भाषण प्रतियोगिता होती है. इस बाल दिवस अगर आप भाषण (Children's Day Speech) देने वाले हैं तो आप इस तरह का भाषण दे सकते हैं:
बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech)
आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्यारे साथियों को सुप्रभात,
आज बाल दिवस है और मैं आप सभी को इस दिन की शुभकामनाएं देता/देती हूं. हम सभी आज यहां बाल दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं. चाचा नेहरू की जयंती के मौके पर हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है. आज का दिन बेहद खास है. बच्चे घर और समाज में खुशी का कारण होने के साथ ही देश का भविष्य भी होते हैं. जवाहर लाल नेहरू हमेशा बच्चों के बीच में घिरे होना पसंद करते थे. पंडित नेहरू बहुत ही प्रेरणादायक और प्रेरित प्रकृति के थे. वह हमेशा बच्चों को कठिन परिश्रम और बहादुरी के कार्य करने के लिए प्रेरित करते थे. बच्चों के प्रति उनके प्रेम के कारण बच्चे उन्हें चाचा नेहरु कहते थे. 1964 में, उनकी मत्यु के बाद से, उनका जन्मदिन पूरे भारत में बाल दिवस के रुप में मनाया जाने लगा. बाल दिवस उत्सव का आयोजन देश के भविष्य के निर्माण में बच्चों के महत्व को बताता है. बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य सम्पत्ति होने के साथ ही भविष्य और कल की उम्मीद हैं, इसलिए उन्हें उचित देखरेख और प्यार मिलना चाहिए. हमारे देश में अभी भी काफी सारे बच्चे बाल मजदूरी में फंसे हैं और कुछ लोग अपने थोड़े से लाभ के लिए उनका शोषण कर रहे हैं. वास्तव में बाल दिवस का अर्थ पूर्ण रुप से तब तक सार्थक नहीं हो सकता, जब तक हमारे देश में हर बच्चे को उसके मौलिक बाल अधिकारों की प्राप्ति ना हो जाए. भले ही बच्चों के भलाई और बाल अधिकारों के लिए के लिए सरकार द्वारा कई सारी योजनाएं क्यों ना चलायी जा रही हों पर उन तक उनका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है, ऐसे में बाल दिवस के अवसर पर हम सब को मिलकर बाल अधिकारों के प्रति जागरुकता फैलानी चाहिए.
बाल दिवस का इतिहास
बाल दिवस सिर्फ भारत में ही बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है। सबसे पहले बाल दिवस 1925 में मनाया गया था जिसके बाद पूरे विश्व में इसे 1953 को मान्यता मिली। बाल दिवस हर देश में मनाया जाता है लेकिन इसे मनाने की तरीख हर देश में अलग-अलग है, हालांकि यूएन ने 20 नवंबर को बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। भारत में यह 14 नवंबर को मनाया जाता है। कुछ देशों में यह 20 नवंबर को ही मनाया जाता है। वहीं कई अन्य देशों में इसे 1 जून को मनाया जाता है।
बाल दिवस पर क्या करना चाहिए ?
बाल दिवस भारत के सभी स्कूलों में मनाया जाता है। यह सिर्फ मनोरंजन और मस्ती का दिन नहीं होता बल्कि अपने सहपाठियों से मिलने का और बिगड़े संबंधों को ठीक करने का भी समय होता है। बाल दिवस के मौके पर हम कई संकल्प ले सकते हैं जिसे हमें खुद में बदलना है। इस मौके पर बच्चों को घर में भी अपने भाई बहन और स्कूलों में सहपाठियों को उपहार या फूल देकर उन्हें शुभकामनाएं देनी चाहिए।
बाल दिवस स्पीच 2
आदरणीय महानुभाव, प्रधानाचार्य जी, अध्यापक व अध्यापिकाएं और मेरे सहपाठियों को नमस्कार। आज बाल दिवस है और आज ही के दिन हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन मनाया जाता है। हर साल 14 नवंबर के दिन बाल दिवस का आयोजन होता है।
जवाहरलाल नेहरू बच्चों को बहुत महत्व देते थे और भारत के प्रधानमंत्री होने के बावजूद वो बच्चों के साथ रहने के लिए समय निकाल लेते थे। पूरे भारत में इस दिन स्कूलों में इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू की भारतीय स्वत्रंतता आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
आदरणीय महानुभाव, प्रधानाचार्य जी, अध्यापक व अध्यापिकाएं और मेरे सहपाठियों को नमस्कार। आज बाल दिवस है और आज ही के दिन हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन मनाया जाता है। हर साल 14 नवंबर के दिन बाल दिवस का आयोजन होता है।
जवाहरलाल नेहरू बच्चों को बहुत महत्व देते थे और भारत के प्रधानमंत्री होने के बावजूद वो बच्चों के साथ रहने के लिए समय निकाल लेते थे। पूरे भारत में इस दिन स्कूलों में इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू की भारतीय स्वत्रंतता आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
मैं आपको अपने भाषण को सुनने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और इसी के साथ एक कविता पढ़कर अपनी वाणी को विराम देना चाहता हूं/चाहती हूं.
देखो बाल दिवस का दिन आया है,
देखो बाल दिवस का दिन आया है,
बच्चों के लिए खुशियां लाया है.
आओ मिलकर सब इसे मनाये,
लोगों को बाल अधिकारों की बात बताएं.
सब तक यह संदेश पहुंचाकर,
देश को और भी खुशहाल बनाए.
14 नवंबर को आता है यह दिन,
जो है चाचा नेहरु का जन्मदिन.
जिन्होंने सबको शांति का मार्ग दिखाया,
विश्व को शांति का पाठ पढ़ाया.
बाल अधिकारों को समर्पित है यह दिन,
जिसके लिए हमें काम करना है हर दिन.
आओ मिलकर लोगों तक यह संदेश पहुचाएं,
लोगों में बाल अधिकारों की ललक जगाएं.
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